उत्तराखण्ड: 177 व्हील वेस की बसों के पहाड़ों में संचालन का विरोध

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चार धाम यात्रा का संचालन करने वाली संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति ने उत्तराखंड परिवहन विभाग को दो टूक नसीहत दी है कि वह रोटेशन के साथ सौतेला व्यवहार करना बंद करें। संयुक्त रोटेशन समिति के साथ परिवहन महासंघ ने पर्वतीय मार्गों पर 41 सीटर क्षमता से अधिक सीट वाली बसों के संचालन का मुखर विरोध किया है। बता दे की परिवहन विभाग की ओर से पर्वतीय मार्गों पर 166 व्हील वेस क्षमता को बढ़ाकर 177 व्हील वेस कर दिया है। इसे परिवहन व्यवसाईयों ने अपने हितों में कुठाराघात बताया है।
प्रेस क्लब सभागार में मीडिया को संबोधित करते हुए संयुक्त रोटेशन के अध्यक्ष संजय शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड की सभी प्रमुख परिवहन कंपनियों पिछले 50 वर्षों से चार धाम यात्रा का सफल संचालन कर रही है। परिवार विभाग हमेशा से ही संयुक्त रोटेशन की अनदेखी करता रहा है। मनमाने निर्णय परिवहन व्यवसाईयों पर थोपे जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना संयुक्त रोटेशन की नैतिक जिम्मेदारी है और हम इस जिम्मेदारी को निभा भी रहे हैं। इस कार्य में परिवहन विभाग का सहयोग पूरी तरह से नहीं मिलता है।
शास्त्री ने कहा कि परिवहन विभाग की ओर से पर्वतीय मार्गों पर 177 व्हील बेस की बसों के संचालन की अनुमति जारी करके व्यवसायियों के हितों पर कुठाराघात किया है। इस निर्णय का हम विरोध करते हैं।
– परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू करने के एन वक्त पर व्हील बेस वृद्धि का फैसला सुनाया गया है। हमारी मांग यह है कि फिलहाल सरकार संबंधित निर्णय को स्थगित करें, नहीं तो आंदोलन का सामना करने को तैयार रहे। इस मौके पर यातायात परिवहन कंपनी के निर्वतमान अध्यक्ष मनोज ध्यानी, बलबीर सिंह रौतेला, दिनेश बहुगुणा, भूपाल सिंह, दाताराम रतूड़ी, विनोद भट्ट, नवीन तिवारी आदि मौजूद रहे।

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