Today news11

Hindi news,Latest News In Hindi, Breaking News Headlines Today ,हिंदी समाचार,Today news11

गोंडा में मौजूद वित्त एवं लेखा अधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित को लेकर विवाद

1 min read

गोंडा में पहले से नियुक्त संजय चतुर्वेदी को हाल ही में प्रमोट किया गया था और उन्हें उपनिदेशक के पद पर लखनऊ ट्रांसफर कर दिया गया। इस प्रक्रिया के बाद, गोंडा में कार्यभार की अदला-बदली की स्थिति उत्पन्न हुई। चतुर्वेदी के लखनऊ ट्रांसफर के बाद, विभाग में किसी अन्य अधिकारी का तत्काल नियुक्ति नहीं हो पाई थी, जिससे विभागीय कार्यों में रुकावट आ गई थी। हालांकि, उच्च न्यायालय के आदेश के तहत, संजय चतुर्वेदी को सप्ताह में दो दिन गोंडा में ही कार्य करने का आदेश दिया गया था ताकि कामकाजी स्थिति सुचारू रूप से चल सके

सिद्धार्थ दीक्षित का कार्यभार ग्रहण करने में देरी

सिद्धार्थ दीक्षित को गोंडा में कार्यभार ग्रहण करने के लिए 2 दिसंबर को पूर्व कार्यस्थल से रिलीव किया गया था। हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने गोंडा में कार्यभार ग्रहण करने में बड़ी देरी की। सूत्रों के अनुसार, दीक्षित ने कई बार गोंडा में कार्यभार ग्रहण करने के लिए आवेदन किया और अन्य जिलों जैसे उन्नाव, सीतापुर, कानपुर देहात और फतेहपुर के लिए निवेदन भेजे, जिससे यह स्थिति प्रशासन के लिए और भी चिंताजनक बन गई। विभागीय कार्यों में इस तरह की देरी ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल असर डाला, क्योंकि विभाग में वित्तीय कार्यों की समय पर निपटान की जरूरत होती है।

इस बीच, जिलाधिकारी ने पूर्व वित्त एवं लेखा अधिकारी संजय चतुर्वेदी को कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए ताकि कार्य में कोई अधिक देरी न हो। लेकिन कार्यभार ग्रहण करने के बाद भी, दीक्षित के द्वारा उठाए गए कदमों से विभागीय कार्य में सुधार की बजाय और भी समस्याएँ उत्पन्न हुईं।

अवकाश के बाद चिकित्सीय अवकाश का विवाद

10 दिसंबर को जब सिद्धार्थ दीक्षित ने गोंडा में योगदान दिया, तो उसी दिन उन्होंने 3 दिनों का आकस्मिक अवकाश ले लिया। यह स्थिति विभाग के लिए जटिलता पैदा करने वाली थी, क्योंकि कार्य में देरी के चलते पहले से ही विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे थे। इसके बाद, 12 दिसंबर से 21 दिसंबर तक सिद्धार्थ दीक्षित ने चिकित्सीय अवकाश के लिए आवेदन किया, जिसमें उन्होंने एक अमान्य चिकित्सक का प्रिस्क्रिप्शन भेजा था, जिससे विभाग में और भी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई।

फिर 22 दिसंबर को सिद्धार्थ दीक्षित यूपीपीसीएस परीक्षा में सम्मिलित हुए और 23 दिसंबर को वही चिकित्सक स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लेकर कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे। इसके बाद, जिलाधिकारी ने 26 दिसंबर को शासन को सूचित करने का निर्देश दिया और मामले की विस्तृत जानकारी शासन को भेजी। प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और अब यह प्रकरण शासन में विचाराधीन है। फिलहाल, विभागीय कार्यों में कोई प्रगति नहीं हो पाई है, और गोंडा में वित्तीय कार्य ठप हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!