उत्तराखंड सरकार अब सड़क हादसों में घायलों का कराएगी निःशुल्क इलाज: स्वास्थ्य मंत्री
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उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में होम्योपैथी पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया था, जिसमें देशभर के सैकड़ों डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया. राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने शिरकत की. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सुभाष चंद्र बोस एकल छात्रावास का उद्धाटन भी किया.
इसके साथ ही धन सिंह रावत ने कहा कि किसी भी अन्य राज्य का यात्री हमारे राज्य में अगर दुर्घटना में चोटिल हो जाता है तो उसका इलाज फ्री किया जाएगा, इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. जल्द ही भारत सरकार द्वारा प्राप्त धनराशि से देहरादून में होम्योपैथी का कॉलेज बनाए जाने की सरकार की योजना है तो वहीं उन्होंने कहा कि एनएचएम के तहत 26 होम्योपैथिक चिकित्सकों को संविदा में नियुक्त कर दिया है. 277 चिकित्सकों के नियुक्ति का भारत सरकार को भेज दिया गया है.
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि एक ही छत के नीचे होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और एलोपैथिक डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए. ऐसे में अब तय है कि जल्द ही राज्य के प्रत्येक हॉस्पिटल में तीनों ही पद्धतियों के डॉक्टरों की नियुक्ति होगी. उन्होंने कहा कि जल्दी ही उधमसिंह नगर जिले में एम्स की स्थापना होने जा रही है, जिसके लिए सरकार ने 100 एकड़ जमीन तय कर दी है.
इस दौरान सेमिनार के बारे में मीडिया से रूबरू होते हुए आयोजक डॉक्टर रजनीश शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में पहली बार होम्योपैथी को लेकर राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि देश और विदेश के डॉक्टरों ने होम्योपैथी के क्षेत्र में जो रिसर्च की गई, उसमें उनके शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण आज किया गया है.
डॉक्टर रजनीश शर्मा ने कहा कि होम्योपैथी को लेकर कुछ भ्रांतियां है, उन्हें इस सेमिनार में दूर किया गया है. होम्योपैथी को लेकर सबसे बड़ी भ्रांति ये है कि होम्योपैथिक दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं. होम्योपैथिक के साइड इफेक्ट होते हैं, लेकिन अन्य पद्धतियों की तरह साइड इफेक्ट बुरे नहीं होते हैं. कोविड-19 समय में होम्योपैथी दवाई कारगर सिद्ध हुई है, जिन लोगों ने भी कोविड-19 के समय में होम्योपैथी दवाई का सेवन किया उसे कोरोना नहीं हुआ या हुआ तो बहुत कम लक्षण आए.