इस बार चारधाम यात्रा में 49 स्थाई 25 अस्थाई चिकित्सा इकाईयां होंगी स्थापित
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देहरादून- सूबे में चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को यात्राकाल का ठोस रोड़मैप बनाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा यात्रा मार्गों एवं चारों धामों की चिकित्सा इकाईयों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती अनिवार्य रूप से करने को कहा गया है। साथ ही यात्रा मार्गों पर तैनात आपतकालीन एम्बुलेंस सेवा 108 के रिस्पांस टाइम को घटाकर 15 मिनट करने के निर्देश भी बैठक में दे दिये गये हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चार धाम यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की जिसमें उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
डा. रावत ने कहा कि यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली चिकित्सा इकाईयों एवं चारों धामों में विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाय साथ ही स्थाई एवं अस्थाई चिकित्सा इकाईयों में पर्याप्त दवाईयां एवं चिकित्सा एवं मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराने को कहा।
डॉ. रावत ने केदारनाथ, यमुनोत्री एवं हेमकुण्ड साहिब जाने वाले पैदल यात्रियों की सुविधा के लिये बनाये गये एमआरपी (मेडिकल रिस्पांस प्वाइंट) की संख्या बढ़ाने के साथ ही मेडिकल स्टॉफ को आवश्यक जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध कराने को कहा। विभागीय मंत्री ने बताया कि बैठक में चार धाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ करने के दृष्टिगत इस वर्ष 49 स्थाई चिकित्सा इकाईयों के साथ ही 25 अस्थाई चिकित्सा इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें रोटेशन के आधार पर विशेष चिकित्सकों एवं चिकित्साधिकारियों के साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की जायेगी। उन्होंने बताया कि यात्रा रूटों पर कुल 154 एम्बुलैंस तैनात की जायेंगी, जिसमें 17 एएलएस तथा एक बोट एम्बुलेंस भी शामिल है। इसके अलावा यात्रा के दौरान एक हेली एम्बुलेंस भी तैनात रहेगी ताकि आपात स्थिति में मरीजों को एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश अथवा दून मेडिकल कॉलेज पहुंचाया जा सके। डा. रावत ने बताया कि यात्रा मार्गों पर एम्बुलेंस का रिस्पॉंस टाइम 15 मिनट करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये गये हैं ताकि आपात स्थिति में तीर्थ यात्रियों को समय पर चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कर उनकी जान बचाई जा सके।