देहरादून की आराध्या पुण्डीर ने CBSE 10वीं में 97% अंक हासिल कर रचा कीर्तिमान, बनी छात्राओं के लिए प्रेरणा
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TODAY NEWS11
विशेष रिपोर्ट | देहरादून
TODAY NEWS11 संवाददाता
आराध्या पुण्डीर ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 97% अंक हासिल कर बढ़ाया देहरादून का गौरव
देहरादून।
कड़ी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास से किसी भी मंज़िल को हासिल किया जा सकता है — इस बात को साबित कर दिखाया है आराध्या पुण्डीर ने, जिन्होंने सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक अर्जित कर न सिर्फ अपने परिवार और विद्यालय, बल्कि पूरे शहर का नाम रोशन किया है।
आराध्या, देहरादून स्थित प्रतिष्ठित स्कॉलर्स होम सीनियर सेकेंडरी स्कूल (Scholars Home Sr. Secondary School) की छात्रा हैं और प्लॉट नंबर 38, शिप्रा विहार कॉलोनी, कैनाल रोड, देहरादून में निवास करती हैं। उनके पिता, प्रोफेसर डॉ. विनोद पुण्डीर, शिक्षा जगत में एक जाना-माना नाम हैं, जिन्होंने आराध्या को हमेशा शिक्षा के महत्व को समझाया और मार्गदर्शन दिया।
अनुशासन और निरंतर प्रयास बनी सफलता की नींव
TODAY NEWS11 से विशेष बातचीत में आराध्या ने बताया कि उनकी सफलता का राज नियमित पढ़ाई, समय का सही प्रबंधन और विषयों की गहराई से समझ है। उन्होंने कहा, “मैंने सालभर पढ़ाई को प्राथमिकता दी और distractions से दूर रही। कठिन विषयों पर ज़्यादा समय दिया और हर टॉपिक को अच्छे से दोहराया।”
आराध्या हर दिन एक नियोजित समय-सारणी के अनुसार पढ़ाई करती थीं, जिसमें संतुलन के साथ विषयों का अध्ययन शामिल था।
शिक्षकों और स्कूल का रहा अहम योगदान
आराध्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपने स्कूल स्कॉलर्स होम सीनियर सेकेंडरी स्कूल और शिक्षकों को भी दिया। उन्होंने कहा, “मेरे शिक्षकों ने मुझे हर कदम पर मार्गदर्शन दिया। किसी भी विषय में जब कठिनाई हुई, उन्होंने धैर्यपूर्वक समझाया और प्रोत्साहित किया।”
“आराध्या शुरू से ही एक अनुशासित, जिम्मेदार और प्रतिभाशाली छात्रा रही हैं। हमें गर्व है कि हमारी छात्रा ने राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल का नाम रोशन किया है।”
पढ़ाई के साथ-साथ गतिविधियों में भी आगे
आराध्या केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी बेहद सक्रिय रही हैं। उन्होंने विज्ञान प्रदर्शनियों, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, निबंध लेखन और कला प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कई पुरस्कार अपने नाम किए हैं।
उनके सहपाठियों का कहना है कि आराध्या एक प्रेरणादायक छात्रा हैं — सहयोगी, आत्मविश्वासी और सकारात्मक सोच वाली।
बधाइयों का दौर, क्षेत्र में जश्न का माहौल
आराध्या की इस उपलब्धि से उनके घर में बधाइयों का तांता लगा हुआ है। शिप्रा विहार कॉलोनी में उनके पड़ोसियों और परिचितों ने मिठाइयां बांटीं और इस सफलता को पूरे मोहल्ले की उपलब्धि बताया।
उनके पिता, प्रो. डॉ. विनोद पुण्डीर, ने कहा, “हमने आराध्या को शुरू से मेहनत और ईमानदारी का महत्व समझाया है। उसकी यह सफलता हर अभिभावक के लिए प्रेरणादायक है।”
प्रेरणा बनीं आराध्या
आराध्या पुण्डीर आज उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा हैं जो सफलता के सपने देखते हैं। उनकी मेहनत, अनुशासन और समर्पण यह साबित करता है कि यदि इरादे मजबूत हों और मार्गदर्शन सही हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं।