December 1, 2025

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राज्य सरकार युवा पीढ़ी को साहित्य के प्रति आकर्षित करने के लिए भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का कर रही आयोजन- मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज लेखक गांव, थानो, देहरादून में आयोजित स्पर्श हिमालय महोत्सव-2025 के समापन सत्र में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लेखक गांव स्थित मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख शांति की कामना की।

मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष उत्सव पर सभी आंदोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि लेखक गांव की परिकल्पना उन विचारों का प्रतीक है जो समाज को दिशा देते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ते हुए भविष्य का निर्माण करना सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि लेखक गांव में आयोजित यह महोत्सव, नई सृजन-यात्रा का आरंभ है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित एवं विभिन्न भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन के लिए वित्तीय सहायता योजना के तहत साहित्यकारों को अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार, प्रदेश के उत्कृष्ट साहित्यकारों को साहित्य भूषण और लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित करने का कार्य कर रही है। जिसमें ₹5 लाख तक की धनराशि देने की भी घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवा पीढ़ी को साहित्य के प्रति आकर्षित करने के लिए भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के साथ निरंतर कार्य कर रहे है। सभी साहित्यकारों, कलाकारों, विद्वानों और संस्कृति के साधकगणों के सहयोग से हम अपने इस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में अवश्य सफल रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रजत जयंती वर्ष पर उत्तराखण्ड विधानसभा द्वारा आयोजित विशेष सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आगामी 09 नवंबर राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तराखण्ड आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध प्रदेश में लेखक गांव स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने के साथ विश्व के साहित्यिक मानचित्र पर राज्य को एक नई पहचान प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लेखक गांव भारत की प्राचीन परंपराओं को आधुनिक दृष्टि से जोड़ने का कार्य करेगी।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व रक्षा सचिव डॉ. योगेन्द्र नारायण, ले.ज श्री अनिल कुमार भट्ट (से.नि), पद्मश्री डॉ. हरमोहिन्दर सिंह बेदी, विदुषी निशंक एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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