October 16, 2025

Today news11

Hindi news,Latest News In Hindi, Breaking News Headlines Today ,हिंदी समाचार,Today news11

उत्तराखंड- पारंपरिक धारों व नौलों की ऐतिहासिक विरासत होगी संरक्षित- पुनर्जीविकरण की कार्य योजना तैयार

1 min read

सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आज सचिव जलागम एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (SARRA) दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति (SLEC) की बैठक आयोजित हुई।

बैठक में राज्यभर के जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन से संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई तथा आठ नई कार्ययोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई, जिनकी कुल लागत ₹2,468.55 लाख है। इनमें से ₹1,861.16 लाख की धनराशि SARRA द्वारा आवंटित की जाएगी। दिलीप जावलकर ने सभी जनपदों को “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” की अवधारणा पर आधारित कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।

सचिव ने कहा कि जनपदीय स्तर पर SARRA समितियों की बैठकें कर प्रस्तावों को आगामी राज्य स्तरीय बैठक में प्रस्तुत करें। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जल संरक्षण कार्यों में स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए तथा ग्राम पंचायत स्तर पर धारा-नौला संरक्षण समितियों का शीघ्र गठन किया जाए, जो स्थानीय स्तर पर निगरानी का कार्य करेंगी।

उन्होंने कहा कि इन समितियों को SARRA द्वारा वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने पारंपरिक धारों और नौलों की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए उनके पुनर्जीवीकरण पर विशेष बल दिया और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए पैराहाइड्रोलॉजिस्टों की तैनाती करने के निर्देश दिए।

श्री दिलीप जावलकर ने सभी कार्यक्षेत्रों में जल संरक्षण हेतु ईको-फ्रेंडली संरचनाएँ विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों, शैक्षणिक और तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता को क्षमता विकास एवं कार्यशालाओं से जोड़ा जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि विभिन्न कार्ययोजनाओं के अंतर्गत निर्मित RCC चेक डैमों की वर्षा काल के बाद स्थिति का मूल्यांकन किया जाए।

बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कहकशां नसीम ने एक करोड़ से अधिक लागत की आठ कार्ययोजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया, जिनमें पौड़ी की तीन, नैनीताल की दो, चंपावत की एक और पिथौरागढ़ की दो योजनाएँ शामिल हैं।

इस अवसर पर संयुक्त निदेशक डॉ. ए.के डिमरी, परियोजना निदेशक कुमाऊं डॉ. एस.के उपाध्याय, परियोजना निदेशक गढवाल डॉ. NS बर्फाल, NIH, IIT रुड़की, केंद्रीय भूजल बोर्ड, विभिन्न जनपदों से मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, ग्राम विकास विभागों सहित विभिन्न एन०जी०ओ० के प्रतिनिधि आन लाइन माध्यम से जुड़े थे तथा SARRA की राज्य स्तरीय टीम उपस्थित रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!